आपके दौर में सो गया है खुदा या किसी और को रब बनाया गया। आपके दौर में सो गया है खुदा या किसी और को रब बनाया गया।
इस ज़माने से मिरे रिश्ते अलग हैं थोड़े से लोग देते हैं दगा तो मुस्कुरा देता हूं मैं। इस ज़माने से मिरे रिश्ते अलग हैं थोड़े से लोग देते हैं दगा तो मुस्कुरा देता ह...
आज देश अनेकों समस्याओं से जूझ रहा है इस कविता के माध्यम से कवि उन युवाओं से निंद्रा तोड़ने का आह्वाहन... आज देश अनेकों समस्याओं से जूझ रहा है इस कविता के माध्यम से कवि उन युवाओं से निंद...
क़बातलक चुपचाप सब बैठे रहोगे हाथ पर यूँ हाथ धर तकते रहोगे क़बातलक चुपचाप सब बैठे रहोगे हाथ पर यूँ हाथ धर तकते रहोगे
छाये काली काली बादल हर जगा घनघोर घाटा हर जगा। छाये काली काली बादल हर जगा घनघोर घाटा हर जगा।
कविता नहीं दिल ए आवाज लिख रहा हूं, तुम्हारे लिए कुछ खास लिख रहा हूं। कविता नहीं दिल ए आवाज लिख रहा हूं, तुम्हारे लिए कुछ खास लिख रहा हूं।